दिल्ली में भड़की हिंसा के दौरान मारे गए पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं इस हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है और 130 से ज्यादा घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और उत्तर-पूर्व के सभी स्कूलों को बंद रखा गया है। बताया जा रहा है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग गोली लगने से घायल हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हालात पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें पुलिस और क्षेत्र के विधायकों के बीच समन्वय मजबूत करने और अफवाहों के प्रसार को रोकने का संकल्प लिया। वहीं बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने राजघाट का दौरा किया और शांति की अपील की।
निगरानी के लिए ड्रोन की ली जा रही मदद
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन में हालात की जानकारी दी। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है। निगरानी के लिए ड्रोन की भी सहायता ली जा रही है। साथ ही उन्होंने विशेष रूप से उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों से अपील किया कि वे कानून को हाथ में न लें और अफवाहों पर ध्यान न दें। रंधावा ने कहा, हिंसा में एक हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत और 56 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। साथ ही डीसीपी के सिर पर भी चोट लगी है।
आरएएफ का फ्लैग मार्च जारी
उपद्रवियों ने मंगलवार सुबह मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास और ब्रह्मपुरी इलाके में फिर से पत्थरबाजी की। इस दौरान दमकल विभाग की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। वहीं गोकलपुरी में भी अग्निशामक दल की दो गाड़ियों समेत कई वाहनों में आग लगा दी। इतना ही नहीं इस हिंसा में तीन मीडियाकर्मी भी घायल हुए हैं। हालात को देखते हुए हिंसा प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां तैनात की गई। ब्रह्मपुरी इलाके में पथराव के बाद आरएएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च किया।