दिल्ली हिंसा पर बीबीसी की एकतरफा रिपोर्टिंग से प्रसार भारती नाराज

देश की सरकारी प्रसारण एजेंसी प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेमपति ने दिल्ली के दंगों पर ब्रिटिश प्रसारणकर्ता बीबीसी की एकतरफा और भड़काऊ रिपोर्टिंग पर उसे जमकर खरी-खरी सुनाई है। साथ ही भारतीय महिला खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के ब्रिटिश प्रसारणकर्ता बीबीसी के न्योते को ठुकरा दिया है। इसका आयोजक बीबीसी ही है। प्रसार भारती का कहना है कि दिल्ली हिंसा पर बीबीसी की एकतरफा रिपोर्टिंग के खिलाफ यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बीबीसी से ऐसी खबरों पर वैचारिक दृष्टिकोण की समीक्षा करने की भी उम्मीद जताई है।


वेमपति को नई दिल्ली में आठ मार्च को होने वाले भारतीय महिला खिलाड़ियों के सालाना सम्मान समारोह में बीबीसी ने आमंत्रित किया था। इसलिए वेमपति ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन (बीबीसी) के महानिदेशक टोनी हॉल को लिखे पत्र में कहा, दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के बारे में बीबीसी की कवरेज को देखते हुए मैं सम्मानपूर्वक यह न्योता ठुकरा रहा हूं।


चार मार्च को लिखे पत्र में वेमपति ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एक साथी सरकारी प्रसारणकर्ता होने के नाते इस बात से बड़ी निराशा हुई है कि बीबीसी ने दिल्ली की हिंसक घटनाओं की रिपोर्टिंग एकतरफा प्रकाशित और प्रसारित की हैं, जबकि उन्हें हिंसा के दुष्चक्र को तोड़ने के लिहाज से मददगार होना चाहिए था।


प्रसार भारती के सीईओ ने पत्र में लिखा कि बीबीसी की रिपोर्ट में ऐसे दृश्य दिखाए गए जैसे दिल्ली पुलिस बिना की किसी सांप्रदायिक हमले या खतरे के कार्रवाई कर रही हो। दुर्भाग्यवश बीबीसी के पत्रकारों ने सभी न्यूज रिपोर्ट में यह कहीं भी नहीं बताया कि वर्दीधारी पुलिस वाले अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए एक भीड़ की हिंसा का शिकार हुए।


इधर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने केरल के मलयाली चैनल मीडिया वन और एशियानेट न्यूज टीवी को गलत रिपोर्टिग के लिए नोटिस दिया था। इनके जवाब के बाद मंत्रलय ने दोनों चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट-1995 के प्रावधानों के उल्लंघन पाया। इस पर 48 घंटे के प्रसारण पर रोक लगा दी